गणेश चतुर्थी: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण त्योहार,तारीख, पूजा, समय ,भजन 2023

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गणेश चतुर्थी, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को भगवान गणेश के जन्म की याद में मनाया जाता है। इस दिन, भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है और कई स्थानों पर उनकी मूर्ति स्थापित की जाती है। इस मूर्ति की पूजा नौ दिन तक की जाती है और बहुत से लोग उसके दर्शन करने आते हैं।

गणेश चतुर्थी: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण त्योहार,तारीख, पूजा, समय ,भजन 2023

नौ दिनों के बाद, गणेश प्रतिमा को गानों और बाजों के साथ किसी जल स्थल में विसर्जित किया जाता है। भगवान गणेश को ‘लंबोदर’ के नाम से भी जाना जाता है।

शिवपुराण के अनुसार,

एक पुराने कथा के अनुसार, गणेश चतुर्थी का महत्व है। इस कथा के अनुसार, माता पार्वती ने एक पुतला बनाया और उसे जीवंत बना दिया। फिर उन्होंने उस पुतले को अपना पालक बना दिया, और उसका नाम गणेश था। इसके बाद, एक दिन जब भगवान शिव अपने घर वापस आए तो उन्हें गणेश द्वार में खड़ा पाया। गणेश ने शिव को अपने घर में नहीं आने दिया, और इस पर उनके बीच एक महायुद्ध हुआ। इस युद्ध में गणेश का सिर शिव द्वारके द्वारके गिर गया और वह तब मर गया। इसके बाद, माता पार्वती बहुत क्रोधित हो उठी और उन्होंने विश्व को प्रलय करने की दिशा में बढ़ने का निश्चय किया।

इस समय, देवताओं ने देवर्षि नारद की सलाह पर माता जगदम्बा की स्तुति की और उन्हें शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की। जब माता जगदम्बा ने उनकी प्रार्थना सुनी, तो वे उन्हें शाप देने के बजाय आशीर्वाद देने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि गणेश चतुर्थी के व्रत का पालन करने वाले के सभी विघ्नों का नाश होगा और वह सभी सिद्धियाँ प्राप्त करेगा।

इस प्रकार, गणेश चतुर्थी के व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है भारतीय संस्कृति में, और यह त्योहार हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसके माध्यम से, लोग भगवान गणेश की आराधना करते हैं और उनकी कृपा की प्राप्ति करते हैं।

गणपति की तारीख 2023 क्या है?

गणेश चतुर्थी का पर्व मुख्य रूप से भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन गणेश जी का प्राकट्य हुआ था. यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. गणेश चतुर्थी की पूजा की अवधि, जिसमें गणेश जी धरती पर निवास करते हैं,अनंत चतुर्दशी तक चलती है. इस बार यह पर्व 19 सितम्बर से आरम्भ हो रहा है और 28 सितम्बर तक रहेगा.

गणेश चतुर्थी पूजा

  1. भगवान गणेश की पूजा: गणेश चतुर्थी के दिन, हिन्दू भगवान गणेश की पूजा करते हैं। उन्हें व्रत करने और मंत्रों का जाप करने की अनुमति दी जाती है।
  2. गणेश प्रतिमा की स्थापना: इस दिन बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं। यह प्रतिमा नौ दिनों तक पूजन की जाती है और लोग दर्शन करने आते हैं।
  3. गणेश विसर्जन: नौ दिनों के बाद, गणेश प्रतिमा को गानों और बाजों के साथ जल स्थल में विसर्जित किया जाता है। यह गणेश का विसर्जन का दिन होता है और लोग धूमधाम से इसे मनाते हैं।
  4. लंबोदर गणेश: गणेश को “लंबोदर” के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उनके एक बड़े पेट के कारण उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है।
  5. महत्वपूर्ण कथा: गणेश चतुर्थी का महत्वपूर्ण कथा है, जिसमें भगवान गणेश के जन्म का वर्णन है और उनके द्वारके के घर में जन्म की कथा है।
  6. भगवान गणेश के आशीर्वाद: गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश से आशीर्वाद मांगने का विशेष महत्व होता है। लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
  7. व्रत का महत्व: इस त्योहार के दिन भगवान गणेश का व्रत करने का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके पालन से विघ्नों का नाश होता है और सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
  8. गणेश चतुर्थी की कथा: इस त्योहार के पीछे एक कथा है जिसमें माता पार्वती और गणेश के बीच घटित घटनाओं का वर्णन होता है।
  9. कैलाश पर्वत पर गणेश की पूजा: कई कथाएँ बताती हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन कई लोग कैलाश पर्वत पर गणेश की पूजा करते हैं और वहाँ

गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए सही समय क्या है 2023

गणेश चतुर्थी का समय हर साल बदलता है, क्योंकि यह त्योहार हिन्दू पंचांग के अनुसार आधारित होता है। 2023 में, गणेश चतुर्थी की पूजा की तिथि दिनांक 19 सितंबर है। यह तिथि हिन्दू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा का आयोजन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी की पूजा का समय प्रातःकाल के बारे में होता है, और लोग इसे ब्रह्मा मुहूर्त (सूबह के लगभग 1 घंटा 36 मिनट) के अंतर्गत करते हैं। पूजा की शुरुआत इस मुहूर्त के दौरान की जाती है ताकि यह अशुभ समय से दूर रहे।

गणेश चतुर्थी: भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण त्योहार,तारीख, पूजा, समय ,भजन 2023

कृपया ध्यान दें कि यह समय भारत के स्थानीय समय के आधार पर है, और यदि आपके बस्तिर में कोई विशेष पूजा समय हो, तो आप स्थानीय पंचांग या पंडित से सलाह ले सकते हैं।

गणेश चतुर्थी के लिए भजन

गणेश भगवान की पूजा के दौरान उनके भक्ति गीत और भजनों का गाना अत्यंत प्रसन्नता और आनंद का अहसास कराता है। यहां गणेश भगवान की पूजा के लिए 10 प्रसिद्ध भजनों के नाम दिए गए हैं:

  • “वक्रतुण्ड महाकाय” – इस भजन में गणेश भगवान की महिमा का गाना होता है।
  • “जय गणेश जय गणेश देवा” – यह भजन गणेश भगवान की पूजा के समय आमतौर पर गाया जाता है।
  • “गणपति बाप्पा मोरिया” – यह भजन गणेश चतुर्थी के त्योहार पर बड़े आनंद के साथ गाया जाता है।
  • “ओम गं गणपतये नमः” – इस भजन का चंद्र बिनाकारी मंत्र होता है जो गणेश भगवान के नाम की महिमा को गुणगुणाता है।
  • “श्री गणेशा शरणम्” – इस भजन में गणेश भगवान की शरण में जाने की प्रार्थना की जाती है।
  • “गणपति वन्दना” – यह भजन गणेश भगवान की महिमा के बारे में है और उनका वंदन करता है।
  • “गजानना श्री गणराया” – इस भजन में गणेश भगवान के रूप, गुण, और महिमा का वर्णन होता है।
  • “जय गणेश देवा” – यह एक पॉपुलर गणेश भगवान का भजन है जिसे भक्ति समारोहों में बड़े धूमधाम से गाया जाता है।
  • “श्री गणेश मानस पूजा” – इस भजन में गणेश भगवान की पूजा मन में की जाती है।
  • “गणेश भगवान की आरती” – गणेश भगवान की आरती का गाना गणेश चतुर्थी की पूजा के समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

गणेश चतुर्थी का इतिहास

इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान गणेश की पूजा और आराधना करना है, जिन्हें विघ्नहर्ता और मंगलकारक माना जाता है। निम्नलिखित है गणेश चतुर्थी का पूरा इतिहास:

1. गणेश चतुर्थी का आरम्भ: गणेश चतुर्थी का आरम्भ महाभारत काल में हुआ था, लेकिन इसका आधिकारिक रूप सन् 1893 में बाल गंगाधर तिलक ने मुंबई में दिया। तिलक जी ने इस त्योहार को सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन का हिस्सा बनाया और लोगों में जागरूकता फैलाई।

2. गणपति बाप्पा मोरिया: गणेश चतुर्थी का सबसे बड़ा उत्सव महाराष्ट्र में मनाया जाता है, और “गणपति बाप्पा मोरिया” का नारा इस उत्सव का संचालन करता है।

3. गणेश का जन्म: पुराणों के अनुसार, गणेश भगवान का जन्म कैलाश पर्वत पर हुआ था। माता पार्वती ने गणेश को बिना शिव जी के सहमति के बनाया था।

4. गणेश की मृत्यु और वर्दान: एक बार गणेश और कार्तिकेय (कुमार) के बीच एक प्रतिस्पर्धा हुई, जिसमें कार्तिकेय ने विजय प्राप्त की। इसके बाद गणेश ने अपने माता-पिता से वर माँगा कि वह सभी भक्तों के पहले पूज्य होंगे और उनकी पूजा से ही कोई कार्य सफल हो सकेगा।

5. गणेश चतुर्थी का त्योहार: इसके बाद, गणेश चतुर्थी के त्योहार का आरम्भ हुआ, जिसमें गणेश भगवान की मूर्ति की पूजा और आराधना की जाती है।

6. गणेश चतुर्थी के उत्सव: गणेश चतुर्थी के दौरान, भगवान गणेश की मूर्तियां घरों में स्थापित की जाती हैं, और उन्हें 10 दिनों तक पूजा जाता है। इन 10 दिनों के दौरान, गणेश भगवान के चालीसा, आरती, भजन, और कथाएं सुनी जाती हैं।

7. विसर्जन: गणेश चतुर्थी के आखिरी दिन, जिसे अनंत चतुर्थी कहा जाता है, गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। गणेश भगवान को गंगा नदी, समुंदर, या अन्य जल में विसर्जित किया जाता है।

8. सामाजिक संदेश: गणेश चतुर्थी का उत्सव सामाजिक सद्भावना, एकता, और समरसता को प्रमोट करता है। यह त्योहार सभी वर्गों के लोगों के बीच आपसी समझ और एकता की भावना को मजबूत करता है।

इस तरीके से, गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा और आराधना के साथ-साथ समाज में सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को भी दर्शाता है।

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गणेश भगवन खुश करने की लिए जरुरी बाते “

  1. विश्वास और भक्ति: गणेश भगवान के प्रति विश्वास और भक्ति का महत्वपूर्ण भाग है। उन्हें सच्चे दिल से पूजने और आराधने से वे खुश होते हैं।
  2. पवित्रता: गणेश भगवान को पवित्रता और शुद्धता की महत्वपूर्ण चीजें पसंद हैं। आपकी पूजा या आराधना के समय आपको पवित्र और साफ रहने का प्रयास करना चाहिए।
  3. मन की शांति: गणेश भगवान को मन की शांति और स्थिरता पसंद है। आपके मन को शांत और ध्यान में लगाने के लिए ध्यान और ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं।
  4. ध्यान: ध्यान गणेश भगवान को खुश करने का एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है। आप उनके मूर्ति को ध्यान से देखकर उनकी आराधना कर सकते हैं।
  5. पूजा और आराधना: गणेश चतुर्थी जैसे त्योहारों पर गणेश भगवान की पूजा और आराधना करना उन्हें खुश करने का अच्छा तरीका हो सकता है।
  6. अपने उद्देश्य की प्राप्ति: गणेश भगवान को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्राप्त करने का देवता माना जाता है। इसलिए अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा की जाती है।

इन तरीकों से आप गणेश भगवान को खुश कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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