आज 30 अगस्त रक्षा बंधन के दिन महिलाओ के लिए फ्री होगी मेट्रो (DMRC) सांसद प्रवेश वर्मा का प्रस्ताव

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रक्षा बंधन और आगामी जन्माष्टमी के त्योहारों के मौके पर पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिया है, जिसमें महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान करने की बात कही गई है। सांसद प्रवेश वर्मा ने यह प्रस्ताव दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को पत्र लिखकर दिया है, जिसमें उन्होंने रक्षा बंधन के दिन महिलाओं के लिए मेट्रो में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान करने की मांग की है। वहीं, जन्माष्टमी के मौके पर देर रात 1 बजे तक मेट्रो को चलाने की भी मांग की है।

आज 30 अगस्त रक्षा बंधन के दिन महिलाओ के लिए फ्री होगी मेट्रो (DMRC) सांसद प्रवेश वर्मा का प्रस्ताव

सांसद प्रवेश वर्मा

सांसद प्रवेश वर्मा ने बताया कि रक्षा बंधन के दिन बहुत सारी महिलाएं अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए बाहर जाती हैं। इस समय, मेट्रो में उन्हें मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलने से वे अपने परिवारों के साथ समय बिता सकेंगी और इस खास मौके का आनंद उठा सकेंगी। वहीं, उन्होंने जन्माष्टमी के दिन भी मेट्रो को रात 1 बजे तक चलाने का प्रस्ताव दिया है।

इस प्रस्ताव के साथ ही, सांसद प्रवेश वर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी की रात कई महिलाएं निर्जला व्रत में रहती हैं और रात के बाद ही अपने व्रत को तोड़ती हैं। वे ठाकुरवाड़ी या फिर श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव मनाने वाले स्थानों पर भोग चढ़ाने के लिए देर तक बाहर रहती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने DMRC से जन्माष्टमी की रात एक बजे तक मेट्रो को चलाने की मांग की है ताकि महिलाएं सुरक्षित और सुखमयी यात्रा कर सकें।

सांसद के इस प्रस्ताव को लेकर DMRC प्रवक्ता ने यह जानकारी दी कि इससे पहले किसी भी प्रकार की ऐसी छूट या यात्रा की रियायत DMRC ने नहीं प्रदान की है। DMRC हमेशा यात्रियों को सुरक्षित और स्वस्थ यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

DMRC प्रस्ताव

इस प्रस्ताव के साथ ही, सांसद प्रवेश वर्मा ने बताया कि यह प्रस्ताव उन महिलाओं के लिए है जो रक्षा बंधन और जन्माष्टमी के त्योहार को अपने परिवारों के साथ मनाना चाहती हैं, और मेट्रो में सुरक्षित और सुखमयी यात्रा का आनंद लेना चाहती हैं। वह आग्रह करते हैं कि DMRC इस प्रस्ताव को गंभीरता से विचार करे और महिलाओं के लिए यह सुविधा प्रदान करें, ताकि त्योहारों के इस मौके पर वे अपने परिवार के साथ हमेशा के लिए यादगार पल बिता सकें।

आज 30 अगस्त रक्षा बंधन के दिन महिलाओ के लिए फ्री होगी मेट्रो (DMRC) सांसद प्रवेश वर्मा का प्रस्ताव

रक्षा बंधन का सही समय

रक्षा बंधन, भारतीय पर्वों में से एक है, जो भाई-बहन के बीच के रिश्ते का जश्न मनाता है। यह त्योहार हिन्दू पौराणिक पंचांग के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। रक्षा बंधन की तारीख हिन्दू चाँद-सौर पंचांग के हिसाब से निर्धारित होती है। इसे श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, रक्षा बंधन को बुधवार, 30 अगस्त, 2023 को या 31 अगस्त, 2023 को मनाया जाएगा। इस वर्ष रक्षा बंधन 30 अगस्त को होगा। दृक् पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त को 10:58 बजे पर होगा और 31 अगस्त को सुबह 07:05 बजे पर समाप्त होगा।

पूर्णिमा तिथि क्या है,

यह आपके विशिष्ट स्थान और समय के आधार पर अलग हो सकता है। आपके प्रश्न के लिए निम्नलिखित तिथियों की जानकारी दी जा सकती है:

  • यदि आप अगस्त 30, 2023 की पूर्णिमा तिथि की बात कर रहे हैं, तो वह दिन पूर्णिमा है।
  • इसके अनुसार, पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त, 2023 को है।
  • पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त को 10:58 बजे पर होगा और 31 अगस्त को सुबह 07:05 बजे पर समाप्त होगा।

रक्षा बंधन की सबसे लोकप्रिय कहानियों

रक्षा बंधन की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक यमा और यमुना की है। यमा मृत्यु के देवता हैं, और यमुना नदी की देवी है। इस कहानी के अनुसार, यमुना ने यमा की कलाई पर एक धागा बांधा, और उसने उससे अपनी मृत्यु से बचाने का वादा किया। इसका मतलब है कि एक बहन अपने भाई की सुरक्षा के लिए धागा (राखी) बांधती है, और भाई उसके वादे को पूरा करने का आशीर्वाद देता है। एक और प्रसिद्ध कथा है राजा बलि और देवी लक्ष्मी की कहानी। राजा बलि एक शक्तिशाली राक्षस राजा थे, और उन्होंने तीनों लोकों को जीत लिया था। हालांकि, वे भगवान विष्णु के भक्त भी थे, और वे विष्णु से कुछ भी मांगने का वादा किया था। विष्णु ने बलि के राज्य की मांग की, लेकिन बलि ने इसे मना किया। तब विष्णु ने अपने को एक ब्राह्मण स्त्री के रूप में परिवर्तित किया और राजा बलि के दरबार में गई

आज 30 अगस्त रक्षा बंधन के दिन महिलाओ के लिए फ्री होगी मेट्रो (DMRC) सांसद प्रवेश वर्मा का प्रस्ताव

रक्षा बंधन का इतिहास

रक्षा बंधन का इतिहास अत्यंत महत्वपूर्ण और गर्वशील है, जो हमारे संस्कृति और परंपराओं को प्रकट करता है। इस त्योहार का इतिहास हमें हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं के साथ जोड़ता है।

एक प्रमुख कथा के अनुसार, यमराज और यमुना की कहानी बहुत प्रसिद्ध है। यमराज मृत्यु के देवता हैं और यमुना नदी की देवी हैं। कथा के अनुसार, एक दिन यमुना ने यमराज के हाथ में एक धागा बांधा और उससे वचन दिया कि वह उसे मृत्यु से बचाएंगे। इससे रक्षा बंधन का प्रारंभ हुआ, जिसमें बहनें अपने भाइयों के हाथ में एक राखी बांधती हैं और भाइयों से सुरक्षा की भीक्षा करती हैं।

एक और प्रसिद्ध कथा है राजा बलि और देवी लक्ष्मी की। राजा बलि एक प्रबल राक्षस राजा थे, जिन्होंने तीनों लोकों को विजयी किया था। हालांकि, वे भगवान विष्णु के भक्त थे और उन्होंने भगवान विष्णु से कुछ भी मांगने की प्रतिज्ञा की थी। विष्णु ने राजा बलि के दरबार में एक ब्राह्मण महिला के रूप में प्रवेश किया और उसने राजा से अल्म्स (दान) के लिए मांगा। राजा ने उसके हाथ में अपना हाथ दिया, जिसके बाद वह ब्राह्मण महिला ने राजा के हाथ में एक राखी बांध दी, और राजा बलि अपने वचन के प्रति बंध गए।

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