छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में बिना जांच स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षकों की गिरफ्तारी से निजी स्कूल संचालकों में आक्रोश है। विभिन्न स्कूल संगठनों ने आठ अगस्त को स्कूल बंद रखकर विरोध जताने का ऐलान किया है। अग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (अप्सा) के अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने बंद के दौरान स्कूल विद्यार्थियों के लिए बंद रहने की घोषणा की है। प्रियंका विद्यालय के स्कूल के इस मामले में हुई गिरफ्तारियों का सवाल उठा है कि क्या है इस पूरे मामले की सच्चाई?

श्रेया तिवारी की मौत का विचार
आजमगढ़ के हरवंशपुर क्षेत्र में स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में 31 जुलाई को छात्रा श्रेया तिवारी की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। स्कूल की प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा ने बताया कि छात्रा के पास मोबाइल मिला था और पूरी घटना के पश्चात वह तीसरी मंजिल पर चली गई। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि श्रेया की मौत का कारण उसे रोकने की कोशिश करने वाले शिक्षकों में दिया गया है।
डॉक्टरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का खुलासा
छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के बाद जिला अस्पताल के प्रशासन ने दो चिकित्सकों की टीम को गठित किया, जिसमें पवई स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉ. जितेन्द्र गुप्ता और जिला अस्पताल में तैनात डॉ. एके शाह शामिल थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि श्रेया के हाथ की हड्डी टूटी हुई थी और सिर में चोट के निशान थे, जिससे बाएं फेफड़े में संघातिक चोट के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने की वजह से मौत हो गई थी।

विवादास्पद स्कूल प्रबंधन का सामना
इस विवादास्पद मामले के बाद, स्कूल प्रिंसिपल और शिक्षकों की गिरफ्तारी से निजी स्कूल संचालकों में गुस्सा है। अगस्त के आठवें दिन को विभिन्न स्कूल संगठनों ने स्कूल को बंद करके इस मुद्दे का विरोध जताने का निर्णय किया है। इससे पहले, अभिभावकों को सूचित किया जाएगा जिससे उन्हें इस मामले की प्रगति के बारे में जानकारी मिल सके।
यूपी के शिक्षा प्रणाली को बदलने की जरूरत
श्रेया तिवारी के मृत्यु के मामले में स्कूल प्रबंधन के लापरवाही को देखते हुए यूपी के शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा और उनके विकास को महत्वपूर्ण बनाने के लिए उच्च स्तर की निगरानी और जांच की जानी चाहिए। निजी स्कूलों के अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों का पूरा उचित पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उन पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

सामान्य सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा महत्वपूर्ण
यूपी सरकार को स्कूलों में सामान्य सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए सख्त निर्देश देने की जरूरत है। सभी स्कूलों में सुरक्षा से संबंधित उच्चतम मानकों को लागू किया जाना चाहिए और उन्हें सामान्य विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित अभ्यास करना चाहिए। शिक्षकों को छात्रों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया होता है, लेकिन श्रेया तिवारी इस घटना के बाद उन्हें और अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है।
यूपी को उच्चतम शिक्षा मानकों पर ध्यान देना चाहिए
शिक्षा हमारे समाज के विकास का मूल आधार है, और इसलिए यूपी सरकार को उच्चतम शिक्षा मानकों पर ध्यान देने की जरूरत है। छात्रों के शिक्षा में बेहतरी के लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार करना और स्कूलों में शिक्षकों की प्रशिक्षण और समर्थन की व्यवस्था करना आवश्यक है। छात्रों के अध्ययन को सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम शिक्षा सेवाएं प्रदान करने चाहिए ताकि वे अपने शिक्षाी सपनों को पूरा कर सकें।
समाप्ति
आजमगढ़ श्रेया तिवारी के मामले में यूपी के स्कूलों में उच्च स्तर की निगरानी और सुरक्षा का पालन होना चाहिए। छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता बनाकर उनके शिक्षा में सुधार करना आवश्यक है। साथ ही, समाज को शिक्षा के महत्व को समझने और उच्चतम शिक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए अपने शिक्षा क्षेत्र को विकसित करने की जरूरत है। यह एक समृद्धि और समरसता भरा समाज का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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