टिहरी डैम से बाढ़ में डूब जाएगा देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार? इस खतरे पर अधिकारी ने दी सफाई

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उत्तराखंड के टिहरी बांध, जिसमें रोज़ाना 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, ने बाढ़ की आशंका से चारों ओर स्थानीय लोगों को घबराया है। इसलिए टिहरी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने लोगों को सशक्त करते हुए कहा है कि कोई खतरा नहीं है। यह लेख आपको टिहरी डैम के सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रदान करेगा और आपके मन में उत्पन्न शंकाओं को दूर करेगा।

टिहरी डैम से बाढ़ में डूब जाएगा देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार? इस खतरे पर अधिकारी ने दी सफाई

टिहरी डैम की सुरक्षा

टिहरी डैम एक विशालकाय रॉकफिल बांध है जिसमें 350 से अधिक अत्याधुनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इसमें पूरी एडजस्टेबल क्षमता होने से यह आपदा, भूकंप, डिजायन और फ्लड क्षमता के अनुरूप पूरी तरह से सुरक्षित है। टिहरी डैम का रिजर्व वायर बहुत विशाल है और वर्ष 1999 में आए फ्लड में 7500 क्यूमैक्स पानी को झेल चुका है, जबकि इसकी क्षमता 15 हजार क्यूमैक्स वाटर को झेलने की है। टिहरी डैम की सुरक्षा और सेफ्टी के अंतराष्ट्रीय मानकों से आच्छादित होती है और इसके निर्माण से पहले मास्को की अंतराष्ट्रीय संस्था एचपीआई और आईआईटी रूड़की की संयुक्त टीम ने इसे रिसर्च करके अपनाए गए मानकों को सुनिश्चित किया गया है।

टिहरी डैम से बाढ़ में डूब जाएगा देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार? इस खतरे पर अधिकारी ने दी सफाई

क्या टिहरी डैम से लोगों को है खतरा?

टिहरी डैम से चारों ओर विकसित मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को खतरा नहीं है। डैम की सुरक्षा और सेफ्टी के लिए तकनीकी उपायों का पूरा प्रयास किया गया है और इसमें इस तरह के आपदा के लिए तैयार होने की क्षमता है जिससे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आने नहीं दिया जाता है। इससे टिहरी डैम से देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार तक खतरे को खारिज किया जाता है और ऊपरी इलाके से बाढ़ के पानी को टिहरी डैम में रोका जाता है।

टिहरी बांध की सुरक्षा पर विशेषज्ञों का दावा

विशेषज्ञों ने टिहरी बांध को पूरी तरह से सुरक्षित और फिट बताया है। टिहरी डैम की सुरक्षा में निर्माण से पहले मास्को की अंतराष्ट्रीय संस्था एचपीआई और आईआईटी रूड़की की संयुक्त टीम ने रिसर्च करवाकर अन्तराष्ट्रीय मानकों को अपनाया गया है। टिहरी बांध रॉकफिल बांध है और इसकी क्षमता 8 रिएक्टर के भूकंप को झेलने की है, जबकि अभी तक दुनिया में मात्र 7 रिएक्टर का ही भूकंप आया है। टिहरी डैम के परियोजना के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने भी खुद इसकी सुरक्षा की पुष्टि की है और उन्होंने बताया है कि टिहरी डैम से जुड़ी फैलाई जा रही सभी जानकारी भ्रामक है और इसपर लोगों को भरोसा करना चाहिए।

टिहरी डैम में रोज़ाना कितनी बिजली बनती है

यह जानने के लिए बहुत से तकनीकी और आंकड़ों को ध्यान में रखना पड़ता है। टिहरी बांध द्वारा उत्पन्न की जाने वाली बिजली की क्षमता रोज़ाना 2400 मेगावाट होती है। यह बिजली का उत्पादन नॉर्दन ग्रिड को सप्लाई किया जाता है और उत्तराखंड सरकार की तरफ से टिहरी झील का अनुमति जलस्तर 830 आरएल मीटर होता है। इसके अलावा, टिहरी डैम का लेवल वैरिएबल होता है और अलग-अलग समय पर इसकी बिजली की उत्पादन क्षमता भी अलग-अलग हो सकती है। टिहरी डैम के सूचकांक द्वारा यह जानकारी स्पष्ट हो सकती है।


टिहरी डैम से तेहरी के लोगों को कई लाभ प्राप्त होते हैं।

  1. विद्युत उत्पादन: टिहरी बांध एक महत्वपूर्ण विद्युत उत्पादक स्रोत है। इससे रोज़ाना लाखों यूनिट बिजली का उत्पादन होता है जो उत्तराखंड राज्य के विभिन्न इलाकों में विद्युत सप्लाई करता है। इससे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।
  2. जलसंचयन: टिहरी बांध ने तेहरी के लिए जलसंचयन का सुअवसर प्रदान किया है। बांध में जुटाए जाने वाले पानी को बिजली उत्पादन के लिए उपयोग के बाद और भी कई कामों में लिया जाता है। इससे विभिन्न जलसंचयन और सिंचाई परियोजनाओं को संचालित किया जा सकता है।
  3. पर्यटन और रोज़गार: टिहरी बांध के विकास से पर्यटन और रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। बांध के निकटस्थ स्थान पर टूरिस्ट्स आकर्षित होते हैं जो वहां के सुंदर वातावरण और झील का दर्शन करने के लिए आते हैं। इससे स्थानीय लोगों को पर्याप्त रोज़गार का मौका मिलता है।
  4. पानी सप्लाई: टिहरी बांध से उत्पन्न होने वाले पानी को स्थानीय नगरीय विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इससे शहरों में पानी की सप्लाई की समस्या को हल करने में मदद मिलती है।
  5. जलवायु नियंत्रण: टिहरी बांध से निकलने वाले पानी का नियंत्रण जलवायु नियंत्रण में मदद करता है। बाढ़ और नदी के पानी को नियंत्रित करने के लिए बांध का उपयोग किया जा सकता है।

टिहरी बांध से तेहरी के लोगों के लिए कुछ खतरे हो सकते हैं,

  1. बाढ़ की आशंका: टिहरी डैम के निकटस्थ स्थानों पर रहने वाले लोगों को बाढ़ की आशंका होती है। यहां पर डैम से निकलने वाले पानी के स्तर को नियंत्रित किया जाता है, लेकिन अधिक वर्षा या किसी तकनीकी खराबी के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  2. भूस्खलन का खतरा: टिहरी बांध के निकटस्थ इलाके भूस्खलन के खतरे से जूझते हैं। बांध के निकटवर्ती क्षेत्र में भूमि की खास तैयारी के चलते भूस्खलन हो सकता है।
  3. भूकंप का खतरा: भूकंप एक अचानकी आपदा होती है, जो टिहरी बांध के निकटस्थ क्षेत्रों में भी हो सकती है। यह किसी तकनीकी कमी के कारण या भूकंप विशेषज्ञों द्वारा अग्रिम सूचना के बिना हो सकता है।
  4. डूबने का खतरा: टिहरी बांध के निकटस्थ स्थानों पर रहने वाले लोगों को डूबने का खतरा होता है, खासकर जब बांध के स्तर को बढ़ाने के लिए पानी का छोड़ा जाता है। ऐसे समय में जल में बहकर डूबने का खतरा हो सकता है।
  5. वायुमंडलीय प्रदूषण: टिहरी बांध के साथ जुड़े कार्यों और विकास के कारण वायुमंडलीय प्रदूषण बढ़ सकता है, जो स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

समाप्ति

अधिकृत रूप से कहा जा सकता है कि टिहरी डैम एक सुरक्षित और स्थायी संरचना है और इसकी सुरक्षा में विशेषज्ञों द्वारा किए गए प्रयासों ने इसे अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया है। यह लेख आपको टिहरी बांध के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है और आपके मन में उत्पन्न शंकाओं को दूर करता है। इसलिए आप बिना किसी भय के टिहरी बांध का दर्शन करने का आनंद ले सकते हैं।

प्रश्न-उत्तर (FAQs)

  1. क्या टिहरी बांध का निर्माण पूरी तरह से सुरक्षित है?
    • हां, टिहरी डैम का निर्माण पूरी तरह से सुरक्षित है और विशेषज्ञों द्वारा इसकी सुरक्षा में विशेष ध्यान दिया गया है।
  2. क्या टिहरी डैम से मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आता है?
    • नहीं, टिहरी डैम के बारे में तकनीकी उपायों का पूरा प्रयास किया गया है जिससे मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आने नहीं दिया जाता है।
  3. टिहरी बांध की सुरक्षा पर आधारित रिसर्च कौन संपन्न करता है?
    • टिहरी बांध की सुरक्षा पर आधारित रिसर्च में मास्को की अंतराष्ट्रीय संस्था एचपीआई और आईआईटी रूड़की की संयुक

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