मानसून के मौसम के साथ ही गर्मी से आराम मिलता है, लेकिन इस मौसम में कई सारी बीमारियाँ और संक्रमण का खतरा फैल जाता है। इनमें से एक आंखों का संक्रमण है, जिसे आई फ्लू भी कहा जाता है। यह महिलाओं में कॉन्जंक्टाइवाइटिस के नाम से जानी जाती है। इस समस्या में आंखों में जलन, लालिमा, खुजली और पानी आना शुरू हो जाता है। यह बीमारी मानसून के मौसम में बहुत तेजी से फैलती है। इसे इन्फ्लुएंजा वायरस भी कहते हैं, जो एक से दूसरे में फैल जाता है। इसके उपचार के लिए मार्केट में कई सारे आई ड्रॉप्स मौजूद हैं, लेकिन इसे घरेलू उपाय से भी नियंत्रित किया जा सकता है। इन घरेलू उपायों से आई फ्लू जल्दी ठीक होने के साथ-साथ समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी। चलिए, जानते हैं

Eye Flu क्या है?
Eye Flu को कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आई भी कहा जाता है। यह आंखों के सफेद हिस्से में होने वाले संक्रमण है। बरसात के मौसम में यह बहुत आम है। इसके अधिकतर मामले सर्दी-खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते हैं। कुछ मामलों में विशेषकर बच्चों में जीवाणु संक्रमण भी Eye Flu की वजह हो सकती है।
Eye Flu के लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि Eye Flu बहुत ज्यादा गंभीर नहीं होता है और आंख को कोई स्थायी नुकसान पहुंचाए बिना एक या दो सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि आपको Eye Flu इसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। Eye Flu के लक्षण –
- आंखों का लाल होना
- आंखों में सफेद रंग का कीचड़ आना
- आंखों से पानी बहना
- आंखों में सूजन
- आंखों में खुजली और दर्द होना
- आंखों से पानी आने लगता है।
- तेज जलन होती है।
- पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है।
- आंखों में चुभन होती है और सूजन जाती है
- तेज दर्द होता है।
- इंफेक्शन अधिक बढ़ जाने पर आंखों में हेमरेज, किमोसिज हो जाता है पलकों में सूजन आ जाती है।
क्यू होता है Eye Flu
आंखों का फ्लू या आंखों का सर्दी होने का कारण विभिन्न अंगों की तरह वायरल संक्रमण होता है। यह वायरस आंखों के संपर्क में आने से या संक्रमित व्यक्ति के द्वारा छूने से Eye Flu फैलता है। इसके मुख्य कारणों में आंखों को छूने के बाद अपने हाथों से मुंह, नाक या आंखों को छूने से संक्रमण फैलता है। अधिकांश मामूली रूप से, आंखों के फ्लू के लिए आमतौर पर बायो बदलता वायरस (वायरल कोंजंक्टिवाइटिस) जिम्मेदार Eye Flu होता है, जो कि अधिक से अधिक मामूली से गंभीर हो सकता है।
कैसे फैलता है आंखों में इंफेक्शन:
Eye Flu तेज गर्मी के बाद बरसात होने से मौसम में तेजी से बदलाव आता है. इस मौसम में हवा के साथ प्रदूषण और नमी के चलते फंगल इन्फेक्शन की समस्याएं पैदा होती हैं. इसमें सबसे ज्यादा आंखों से जुड़ी दिक्कतें परेशान करती हैं. इस मौसम में फंगल इन्फेक्शन बढ़ने से आंखों का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. विशेषतौर पर उन लोगों को जो आंखों में कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं. आंखों से जुड़ी यह परेशान होने पर आंखें लाल हो जाती हैं. आंखों में पानी आने के साथ ही जलन होने लगती है. इस परेशानी के शुरुआत में पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होने लगता है. आंखों में अजीब तरह की चुभन और सूजन आ जाती है. आंखों से पानी आने के साथ खुजली शुरू हो जाती है. बता दें कि, यदि Eye Flu इन्फेक्शन गहरा हो जाए तो आंखों की कार्निया तक को नुकसान हो सकता है.
Eye Flu इलाज
- गुलाब जल गुलाब के जल से आँख को धोने से Eye Flu का इन्फेक्शन कम हो जाता है। गुलाब के जल की दो बूंद आँखों में लगाये और इसे रोजाना दिन में दो बार करने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या खत्म कर सकते है।
- गर्म पानी
हलके गर्म पानी के इस्तेमाल से आँख को धोने से आँखों के ऊपर जमने वाले गंदगी हट जाती है। गर्म पानी को किसी बर्तन में निकाल कर हल्का ठंडा कर ले और उस हलके गर्म पानी से आप सीधे अपने आँखों को धो भी सकते है, जिससे आँख में जमी धुल गंदगी बाहर आ जाएगी। - आंवले का रस
3 से 4 आंवले के फल के गूददे को पिस कर उसका रस निकाल ले। एक ग्लास पानी में उस रस को मिला कर पिये। आंवले के रस को सुबह खाली पेट में और रात में सोने से पहले दिन में दो बार इस्तेमाल करे । आँखों में संक्रमण होने पर आंवले का रस पीने से भी लाभ मिलता है। - शहद और पानी का उपयोग
एक ग्लास पानी में 2 चम्मच शहद को मिला ले। फिर उस जल को अपने हांथो से तेज झटके के साथ खुली आँखों में मारे। शहद से आँखों को धोने से आंखों का संक्रमण दूर होता है। - पालक और गाजर का रस
पालक के 4 या 5 पत्तो को पिस ले और उसका रस निचोड़ ले। 2 गाजर को भी पिस कर रस निकाल ले। एक ग्लास में आधे कप पानी भर ले और उसमे गाजर और पालक के रस को मिला कर पीये। ऐसा रोजाना करने से आंख की संक्रमण कम होने लगता है। पालक और गाजर का रस आँखों के संक्रमण के लिए काफी लाभदायक होता है क्योकि इनमे पाए जाने वाले विटामिन आँखों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते है। - हल्दी और गर्म पानी
2 चम्मच हल्दी के पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करे। एक ग्लास गर्म पानी में उस हल्दी को मिला दे। रुई की मदद से आँखों को साफ़ करे। गर्म पानी में हल्दी को मिलाकर रुई से आँखों को पोछना चाहिए। - आलू
एक आलू को अच्छे से पतले–पतले टुकड़ों में काट ले। रात में सोने से पहले उस कटे हुए आलू को अपने आँखों के ऊपर 10 मिनट तक लगा कर रखे फिर उसे उतार दें। आलू में स्टार्च अधिक मात्रा में होता है जिसके इस्तेमाल से आँखों के संक्रमण को ठीक किया जा सकता है।
Eye Flu के लिए सबसे अच्छी आईज ड्राप
एक एमिनोग्लाइक्साइड एंटीबायोटिक होने के नाते, टोबरामाय्सिन (Tobramycin) आंखों में विभिन्न प्रकार के गंभीर बैक्टीरिया संक्रमणों के इलाज के लिए बैक्टीरिया को मारता है।

इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है यदि आप किसी भी सामग्री से एलर्जी हो या किसी अन्य एमिनोग्लियक्साइड एंटीबायोटिक जैसे कि जेनामीसीन यदि आपके पास सुनने में परेशानी , गुर्दा, तंत्रिका समस्याएं, गंभीर बर्न्स , निर्जलीकरण है, तो अपने चिकित्सक को बताएं पेनिसिलिन, इपिपेनेम, सेफ्टीज़ोक्ज़िम जैसी दवाइयां प्रभावशीलता को कम करती हैं टोबरामाय्सिन (Tobramycin) जब इसके साथ ले लिया दूसरी ओर सीस्प्लाटिन, कोलिस्टिन, साइक्लोस्पोरिन और फ्लुडेराबीन जैसी दवाइयां इसके दुष्प्रभावों में वृद्धि करती हैं। टोबरामाय्सिन (Tobramycin)
यह डॉक्टर के कार्यालय या क्लिनिक में इंजेक्शन फॉर्म में दिया जाता है। यदि आप इसे घर पर उपयोग करना चाहते हैं, तो अपने सभी सवालों के बारे में पूछें, चिकित्सक को और उचित प्रक्रिया के बारे में सुनिश्चित करें। कभी सुई और सीरिंज का पुन: उपयोग न करें। कभी भी एक टोबरामाय्सिन (Tobramycin) डबल खुराक नही लें, यह बेहतर है कि अगली बार जब तक आप इसे ले जा सकें तब तक इसे छोड़ दें।
आप उल्टी , मतली , सूजन , दर्द और दस्त का अनुभव कर सकते हैं। टोबरामाय्सिन (Tobramycin) यदि आपको योनि स्राव , मांसपेशियों की कमजोरी , दौरे , छाती में पेशाब और घबराहट कम होने का अनुभव हो, तो जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
यहां दी गई जानकारी साल्ट (सामग्री) पर आधारित है. इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स एक से दूसरे व्यक्ति पर भिन्न हो सकते है. दवा का इस्तेमाल करने से पहले Ophthalmologist से परामर्श जरूर लेना चाहिए.
बचाव एवं सावधानियां
- बरसात के मौसम में अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से साफ करते रहें।
- आंखों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। आंखों को ठंडे पानी से बार-बार धोएं।
- किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
- इस रोग के मरीज आंखों पर बार-बार हाथ न लगाएं। अगर संक्रमित आंख को छुएं, तो हाथ अच्छे से साफ करें।
- गंदगी और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनकी चीजें चश्मा, तौलिया, तकिया आदि न छुएं।
- अपना तौलिया, रुमाल चश्मा आदि किसी के साथ शेयर न करें।
- इस सीजन में स्विमिंग करने से बचें।
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